सुखद वैवाहिक में संतुलन का होने बेहद जरूरी है। रिश्ते में पति और पत्नी के प्रयास समान होने चाहिए। किसी भी एक ने अपना 100 प्रतिशत नहीं दिया, तो वह संबंध लंबे समय तक नहीं चलता। दुनिया में हर दिन न जाने कितनी शादियां टूटती हैं। आज के समय में दो दंपत्तियों के बीच तलाक होना अब धीरे-धीरे बेहद सामान्य होता जा रहा है। जोड़ियां टूटने में स्त्री और पुरुष में से किसी एक की गलती ज्यादा होती है। महान राजनीतिज्ञ और कुटनितिज्ञ आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई किताब चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में वैवाहिक संबंधों में पड़ने वाली खटास की वजह मौजूद है। साथ ही उन्होंने उसमें स्त्रियों के कुछ लक्षणों का जिक्र किया है जिससे पुरुषों को सावधान रहने की जरूरत है। आइए विस्तार से जानें।
स्त्रियों की इन हरकतों को न करें नजरअंदाज
चाणक्य को भारतीय इतिहास में बड़ा परिवर्तन लाने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान और संवेदनशीलता का उपयोग समाज की भलाई करने के लिए किया। चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु ने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) नामक एक ग्रंथ लिखा। इस किताब में उन्होंने मानवीय व्यवहारों, रिश्तों की गहराई व सफलता से जुड़े कई मंत्र दिए। इनके इस्तेमाल से कोई मनुष्य अपने जीवन को मनचाहा रूप दे सकता है। आचार्य चाणक्य ने उसी तरह वैवाहिक संबंधों में पुरुषों को अपनी स्त्री के कुछ लक्षणों को नजरअंदाज न करने का उपदेश दिया।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार अगर पत्नी अपने पति के साथ बेरुखी से पेश आए, उसपर बेवजह झल्लाए, तो इसकी काफी संभावना है कि वह किसी और को चाहने लगी है। इतना ही नहीं, हो सकता है उसने गुप्त रूप से चोरी-छुपे गैर मर्द के साथ संबंध बना लिए हों। दरअसल इस दौरान उसे अपना पति नागवार गुजरता है। वह उसे बरदाश्त नहीं कर पाती। चाणक्य कहते हैं कि ऐसी महिला जिसका चरित्र खराब होता है, वह हर बात को नकारात्मक तरीके से लेना शुरु कर देती है।
लालची व फिजुलखर्ची औरत भर देगी जीवन में अंधकार
किसी भी शादीशुदा संबंध में स्त्री और पुरुष एक दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं। दोनों की सहभागिता इसमें बराबर होनी चाहिए। अकेला इंसान गाड़ी का इंजन नहीं खींच पाएगा। यानि दोनों का समझदार होना आवश्यक है। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में विष्णुगुप्त यानि आचार्य चाणक्य बताते हैं कि अगर स्त्री लालची और फिजुलखर्ची हो, तो देखते ही देखते पति के घर का सर्वनाश कर देगी। साथ ही अगर वह केवल अपने बारे में सोचती हो, तब पति के घर का कभी विकास नहीं हो पाएगा।
इसके अलावा पति और पत्नी को समान रूप से ज्ञानी होना चाहिए। तभी दोनों अपने जीवन को सुचारू रूप से चला पाएंगे। वहीं अगर केवल पुरुष समझदार हो, पढ़ा लिखा हो और दूसरी तरफ स्त्री अनपढ़, तब रिश्ते का संतुलन बिगड़ जाएगा। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में लिखे उपदेश के मुताबिक पत्नी मूर्ख हो तो उसे पति की एक भी बात समझ नहीं आएगी। वह बेवजह उससे बहस करेगी जिसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा।