कभी ना कभी आप सभी भी कई व्यक्तियों के मुंह से जरूर सुने होंगे कि अगर कोई सा भी कार्य लगन और मेहनत से किया जाए तो मंजिल उनके पास खुद-ब-खुद पहुंच जाती है। ऐसा ही देखने को मिला है।राजस्थान के बाड़मेर गांव के युवा के साथ भाजपा निवासी प्रवीण 7 महीने में गुजरात के कोरवी में दिहारी पर कार्य करते थे, और अब उनका सेनन में भर्ती हो गया है।
घर के आर्थिक स्थिति खराब होने के वजह से वह कई महीनो तक गुजरात में बिहारी पर काम करते थे और प्रवीण कुमार के साथ भारतीय सेवा में तीन युवक का चयन हुआ है। बाड़मेर के छोटे से गांव के प्रवीण कुमार की सफलता को देखकर गांव के लोग बहुत ही ज्यादा प्रसन्न है।
एक साथ तीनों सेनाओं में हुआ चयन
प्रवीण कहते हैं कि उनके पिताजी भारतीय रेल के कर्मचारी थे और उनकी चार बहने थी उन चारों बहनों की शादी करने में घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने चला गया। इसके बाद हुआ 12वीं कक्षा कंप्लीट करके बीच में ही पढ़ाई छोड़कर गुजरात के मोरवेरी में कार्य करने के लिए चले। लेकिन फिर भी उनका भारतीय सेवा में जाने का दिलचस्प कभी भी काम नहीं हुआ।
प्रवीण ने मेहनत करना नहीं छोड़ा और उन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में आर्मी के नेवी एयरफोर्स में अपना सफलता प्राप्त किया वह उनका कहना था, कि वह आदमी ज्वाइन करेंगे और उन्होंने अपने सफर को लेकर बताते हुए कहा कि उनके पिता श्री देवाराम पोटलिया और मां लक्ष्मी देवी का बहुत ही ज्यादा उनके सफलता में सहायता किया है।
इसके साथ ही परवीन का एक सपना है कि वह एक दिन आर्मी पोस्ट पर बहुत बड़ा ऑप्शन बने और देश के लिए सेवा करें जो व्यक्ति एक बार प्रयास करने के बाद हार जाते हैं।उन सभी के लिए परवीन का कहना है कि पहले प्रयास आखिरी नहीं होता है।हर प्रयास में सफलता और कठिन छुपी होती है। वह कभी ना कभी निखर कर सामने जरूर आता है।साथ ही परवीन की सफलता को देखकर कई व्यक्ति को प्रेरणा जरूर मिला है।